ज्यादा पैदावार हेतु इस समय करे गेहूं में पहली सिंचाई, होगा 5 से 7 क्विंटल ज्यादा उत्पादन
ज्यादा पैदावार हेतु गेहूं में पहली सिंचाई करने का सही समय क्या है इसके बारे में आज हम विस्तृत जानकारी आपके साथ सांझा करेंगे क्योंकि गेहूं में पहला पानी देने का उचित समय यदि सही पता हो तो इसे 5 से 7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन अधिक प्राप्त किया जा सकता है यदि समय पर गेहूं में सिंचाई नहीं की जाती है तो उत्पादन पर बहुत फर्क पड़ता है,
यदि कम सिंचाई की जाय तो 3 से 5 क्विंटल उत्पादन कम देगा , जबकि ज्यादा पानी देने पर इसमें पतियां पीली पड़ सकती है। पहले पानी कभी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह गेहूं की दशा एवं दिशा बदलने का मादा रखता है इसके अलावा ज्यादा फोटो हेतु कौन सी खाद का प्रयोग करें इसके बारे में भी जानकारी देंगे।
बुवाई के समय खेतों में सबसे पहले समतल होनी चाहिए एवं जल का निकास भी अच्छा होना चाहिए ताकि गेहूं की जड़ों में पानी का ठहराव ज्यादा समय तक ना रहे एवं जल्दी ही पानी सूख जाए क्योंकि गेहूं में ज्यादा पानी ठहराव जड़ों में गलन का कारण भी बन सकता है जिससे उत्पादन कम हो सकता है।
मिट्टी के अनुसार करें सिंचाई
गेहूं में सिंचाई भूमि के अनुसार ही करनी चाहिए यदि हल्की भूमि जैसे की रेतीली रेतीली दोमट बलुई दोमट आदि भूमि पर सिंचाई की अधिक आवश्यकता होती है इनमें जल्दी-जल्दी सिंचाई करनी चाहिए परंतु काली भूमि काली दोमट चिकनी दोमट आदि भूमि पर कुछ अंतर के बाद ही सिंचाई करनी चाहिए।
यदि गेहूं की बुवाई अक्टूबर माह में की जाती है तो इसके कारण जर्मिनेशन का खतरा बना रहता है क्योंकि इस समय मौसम में गर्मी होने के कारण भूमि जल्दी सूखने लगती है दूसरी ओर यदि 15 नवंबर के बाद मौसम में ठंडक भी महसूस होने लगती है जिसके कारण जर्मिनेशन धीरे होता है यानि भूमि सुखना काम हो जाता है एवं देर से भूमि में पानी सूखता है इस कारण इसमें ज्यादा समय बाद पानी देना चाहिए।
इस समय करे गेहूं में पहली सिंचाई
पहला पानी देने का उचित समय क्या है इस पर किसानों के मन में काफी समस्या बना रहता है तो आपको बता दें कि अगर आपने गेहूं की बुवाई अक्टूबर माह में की है तो आपको गेहूं में पहला पानी (सिंचाई) 18 से 20 दिन तक होने के बाद दे देना चाहिए वहीं यदि गेहूं की बुवाई नवंबर माह के मध्य में की है तो इसके लिए पहले पानी का उचित समय 25 से 30 दिन बाद दिया जा सकता है क्योंकि इस समय तापमान भी कम होने लगता है।
बात करें दूसरे पानी की तो गेहूं के लिए दूसरे पानी उसे समय दिया जा सकता है जब दो से तीन पत्तियां भूमि से बाहर निकल जाए एवं जड़ों के ऊपर गांठ बन जाए जिसे हम क्राउन भी कहते हैं उसे समय जड़ों में फोटो बढ़ने लगता है इस समय दूसरा पानी दिया जा सकता है
पानी के बाद खाद एवं उर्वरक का प्रयोग भी उचित समय माना गया है क्योंकि इस समय नाइट्रोजन की आवश्यकता अधिक होती है ऐसे में खेतों में जिंक एवं यूरिया का इस्तेमाल फसल की बढ़ोतरी करने में सहायक सिद्ध होगा अतः जरूरत अनुसार इसमें जिंक और यूरिया का इस्तेमाल पहले पानी के साथ किया जा सकता है।
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